Banshidhar Chaudhary

Ittefaq lyrics (Savera)

इत्तिफ़ाक़ है हम दोनों हैं साथ

होना है जो आज वो होने दो ना कल

का क्या पता हम होंगे कहाँ

होंगे कहाँ, होंगे कहाँ

 

रात ये शरारती है

और तू भी ये जानती है

तूने देखा मुझे ऐसे

जैसा देखा ही नहीं

मैं देख रहा हूँ कि तुम्हारी गर्लफ़्रेंड मुझे नोटिस कर रही हैं

 

मैं एक लाल झंडा हूँ मैं वो लड़का नहीं

तू करे छोटी सी बात कुछ कहता नहीं

चार शॉट नीचे चुप रहता नहीं

 

 

बस बहका हूँ मैं बदला नहीं

तू आई ऐसे चल के

शराबों से ज्यादा यादें छलके,

मेरे यार कहते जल के,

ना जा उस तरफ,

उस तरफ मत जाओ!

हम इतने अच्छे थे हम खो गए थे

ऐ इतने करीब दूर हो गए थे

तू आई मेरे पास

मेरे बिगड़े मिजाज

मैं बहुत कोशिश कर रहा हूँ हाँ

 

इत्तेफ़ाक है हम दोनो हैं साथ

 

 

होना है जो आज वो होने दो ना

कल का क्या पता हम होंगे कहां

होंगे कहां, होंगे कहां

 

 

इत्तिफ़ाक़ है हम दोनों हैं साथ

होना है जो आज वो होने दो ना

रात ये नशे में ना होगी सुबह

ना होगी सुबह, ना होगी सुबह

 

आदत जो तेरी छूटी थी

तुझे छूटे ही लटकी ये लगी लैब को

तू आई मेरे पास

मेरे बिगड़े मिज़ाज

मैं बहुत कोशिश कर रहा हूँ हाँ

 

इत्तिफ़ाक इत्तिफ़ाक ये नहीं है

होना यही था और हुआ भी यही है

चलो बोलो सारे ग़म

अब मुझसे कैसी शर्म

 

देखो ना देखो ना ये नज़ारा

मैं और तू शुरू से दोबारा

ना अधूरे रहेंगे हम

ये बातें ये रातें ना होन ख़तम

 

 

इतेफ़ाक है हम दोनो हैं साथ

होना है जो आज वो

होने दो ना कल

का क्या पता हम हनी

कहाँ हम होंगे कहाँ

हम होंगे कहाँ

 

इत्तिफ़ाक़ है हम दोनों हैं साथ

होना है जो आज वो होने दो ना कल

का क्या पता हम होंगे कहाँ

होंगे कहाँ, होंगे कहाँ

 

इत्तिफ़ाक़ है हम दोनों हैं साथ

होना है जो आज वो होने दो ना

रात ये नशे में ना होगी सुबह

ना होगी सुबह, ना होगी सुबह

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