Banshidhar Chaudhary

Lichi 2 song lyrics pramod yadav shivani singh

सीजन मे भावे तोहार बरहल रहता

भले सामान तोहरो सरल रहता

सीजन मे भावे तोहार बरहल रहता

भले सामान तोहरो सरल रहता

दुगो लीची मुह मे लेके चभला काहे

आरे दुगो लीची मुह मे लेके चभला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

 

 

जब तुहु अईबा फ्री मे खईबा

खाली भाव पूछी हमारा के फुस्लाईबा

जाएदा फ्री मे खियाईला से आऊरी बरहेला

एके जगहिया प दूदूगो लीची फहरेला

पर्ह साल भाव पूछ के भगला काहे

पर्ह साल भाव पूछ के भगला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

 

 

आरे धंधा प हमारा नजर ना लगावा

लेबा त ल ना त देगा बरहवा

लेवे के त ले लेती हमहु तोहार एक पाव हो

बाकी लीची बेचेलु तुहु जावानी के भाव हो

रोहित प्रमोद मुहे लगला काहे

जेपी प्रमोद मुहे लगला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

जब लेवे के मन नाही रहे त बोला दबला काहे

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