Banshidhar Chaudhary

Dukan moh na lage

आ आ.. मोह ना लागे.. मोह न लागे

मोहन तोसे ऐसी कोई सूरत कर दे..या रेशम सी मखमल कर दे या पत्थर की मूरत कर दे होवे काशी काबा मेरा

होवे काशी काबा मेरा तो में बसते राम जो कर लूँ मैं तेरे फेर कर लूँ चारो धाम कर लूँ चारो धाम कैसो पियासो छाओ लागा ये जग दोष का ही नाम दे मीरा को भक्ति सुहाये प्रीत क्यूँ ड़ारी श्याम से

 

ओ सारे गीत बदल दो चाहे रीत पलट दो दो नाम अलग है संग में बोलो आज से बोलो मीरा श्याम मीरा श्याम तूने जोग का चोला ओढ़ा पहना हर इलज़ाम पुलूँ अब मैं विष का प्याला हो जाऊँ बदनाम बोलो मीरा श्याम बोलो मीरा श्याम मोहना लगे मोह ना लगे

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