Banshidhar Chaudhary
Kala chashma lga lijiye song lyrics neelkamal singh
आँखों ही आँखों में आँखे चार होता है
दे दे दिल जो वही,दिलदार होता है
अपने सनम को,प्यार से हमें थोड़ा देखा होगा
रूप है धूप है,काले आँखों में तो चश्मा लगायें…
ऐ मेरे हमसफ़र,जरा आँखों में तो चश्मा लगा लीजिए
गाल गुलाब के पंखों के जैसे,होंठ तेरे मधुशाला है
कह दो सभी से की आज से आपका ये दिलवाला है
ऐसे हँस के,दिल में बस के,
जरा सीन में तो चाहत जगा लीजिए
रूप है धूप है,काले आँखों में तो चश्मा लगायें…
हुस्न की रानी, तू मस्तानी, मौसम की बहार है तू
ताजमहल सी,कोई गजल सी,नीलकमल की प्यार है तू
(तेरा दीवाना मैं मस्ताना)
ओ मेरी जाने जा..आएगा मजा,
मेरे मीत यह गाना गुनगुना लीजिये
रूप है धूप है,काले आँखों में तो चश्मा लगायें…