Banshidhar Chaudhary
Mast Malang jhoom lyrics
है जुनूँ में सुकूँ, तेज़ रफ़्तार ख़ूँ
घूमता है ज़ेहन, मैं सुरूरों में हूँ
मख़मली सी है ख़ुमारी
इश्क़ सा तो नशा कोई ना
जाम रंगीं, रूह मलंगी
इश्क़ जैसी तृषा कोई ना
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम
Mmm, रोज़-रोज़ तलब लगे
लहर-लहर शौक़ बढ़े तो मन मचले
ओ, घूम-घूम रात कटे
जाग-जाग आँख जले तो मन मचले
सुरमई सी बेक़रारी
इश्क़ सा तो नशा कोई ना
तन क़लंदर, मन समुंदर
इश्क़ जैसा नशा कोई ना
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम
होश की बात ही नहीं आई (मस्त-मलंग झूम)
ज़िंदगी हाथ ही नहीं आई (मस्त-मलंग झूम)
दिन में सोए हैं, दिन में जागे हैं
इश्क़ में रात ही नहीं आई
मख़मली सी है ख़ुमारी
इश्क़ सा तो नशा कोई ना
जाम रंगीं, रूह मलंगी
इश्क़ जैसी तृषा कोई ना
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम
मस्त-मलंग झूम