- मुखड़ा
M: मिसिरी मलाई से थाल सजइनी,,
लाई के माई के भोग लगईनी,,
तूर तूर खिआई बाकी ना खास एको दाना,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,
1 अंतरा
M: बानी गोहरावत कतनो मुंह नाही खोलस,,
बाड़ी उपासे की खइले कुछ ना बोलस,,
F: माई के चरण में रखी के थाली,,
नाही बुझाता कि शीश झुकाली,,
M: असही का पुजेला ई पूरा जमाना,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,
2 अंतरा
M: मैं भोला मइया भी कितनी भोली,,
ज्ञान बुद्धि ला फैलइले बानी झोली,,
F: जदी खईती त केहू खियाइत का,
कुणाल केहू मंदिर भी आईत का,,
M: गोरा विकाश का तु लाज आज बचाना,,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,
Song Reapeat Devigeet Lyrics
M: मिसिरी मलाई से थाल सजइनी,,
लाई के माई के भोग लगईनी,,
तूर तूर खिआई बाकी ना खास एको दाना,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,
Antra- 1
M: बानी गोहरावत कतनो मुंह नाही खोलस,,
बाड़ी उपासे की खइले कुछ ना बोलस,,
F: माई के चरण में रखी के थाली,,
नाही बुझाता कि शीश झुकाली,,
M: असही का पुजेला ई पूरा जमाना,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,
Antra- 2
M: मैं भोला मइया भी कितनी भोली,,
ज्ञान बुद्धि ला फैलइले बानी झोली,,
F: जदी खईती त केहू खियाइत का,
कुणाल केहू मंदिर भी आईत का,,
M: गोरा विकाश का तु लाज आज बचाना,,,
F: जो सबको खिलाती क्या उनको खिलाना,,,
कोरस: उनको खिलाना क्या उनको खिलाना,,
भक्ति की शक्ति ना उनको सिखाना,,
कोरस: उनको सिखाना ना उनको सिखाना,,